दिल्ली : दिल्ली के अलीपुर के पेंट फैक्टरी में आग लगने के बाद समय से दमकल की मदद मिल जाती तो बच सकती थी लोगों की जान। स्थानीय लोगों ने इस मामले में अहम खुलासा किया है। उनका कहना है कि फैक्टरी में शाम 5.25 बजे में नहीं बल्कि चार बजे आग लगी थी। लेकिन फैक्टरी के कर्मचारियों और स्थानीय लोगों ने अपने स्तर पर आग बुझाने की कोशिश की और करीब डेढ़ घंटे तक दमकल विभाग को घटना की जानकारी नहीं दी। दमकल विभाग के अधिकारियों का कहना है कि घनी आबादी वाले क्षेत्र में फैक्टरी होने की वजह से सूचना मिलने के बाद भी गाड़ियों को पहुंचने में देर हुई। तब तक आग ने विकराल रूप लेकर 11 लोगों की जिंदगी को लील लिया।
घटनास्थल से दो गली दूर रहने वाले चश्मदीद सुमित भारद्वाज ने बताया कि पेंट की फैक्टरी में आग लगने के दौरान एक जोरदार धमाका हुआ था। धमाका इतना जबरदस्त था कि काफी दूर तक सुनाई दिया। धमाका होते ही सुमित भारद्वाज अपने कुछ साथियों के साथ फैक्टरी के पास पहुंचे। उन्होंने बताया कि फैक्टरी से आग की लपटें निकल रही थी। उन लोगों ने देखा कि फैक्टरी के कर्मचारी अपने स्तर पर आग पर काबू पाने का प्रयास कर रहे हैं। उन लोगों ने भी बाल्टी में पानी लेकर आग बुझाने की कोशिश करने लगे।
स्थानीय लोगों ने बताया कि आग करीब चार बजे के आस पास लगी थी। कर्मचारियों को आग पर काबू करते देखा तो उनलोगों ने भी मदद शुरू कर दी। किसी ने भी आग लगने की जानकारी दमकल विभाग को नहीं दी।
काफी प्रयास के बावजूद केमिकल में लगी आग बुझने के बजाए भड़क गई। फैक्टरी में रखे केमिकल के अन्य ड्रम आग की चपेट में आ गई और फिर कई धमाकों के बाद पल भर में आग के गोले निकलने लगे। स्थानीय लोगों ने जब आग को बेकाबू होते देखा तो उनलोगों ने फैक्टरी के पीछे जाकर फैक्टरी में फंसे लोगों को निकालने में लग गए। उनलोगों ने दावा किया है फैक्टरी में फंसे करीब आधा दर्जन लोगों को बाहर निकाला गया। आग के भयावह रूप लेने के बाद दमकल विभाग को घटना की जानकारी दी गई।